Wednesday 28 September 2011

युग वंशिका अब यहाँ भी उपलब्ध है- -नित्यानंद `तुषार`

युग वंशिका अब  यहाँ भी उपलब्ध है
बिहार
1.प्लेटफोर्म नंबर १
रेलवे स्टेशन
कटिहार
2.राजधानी न्यूज़ एजेंसी ,
 न्यू मार्केट
पटना
3.मुरारी बुक स्टाल
अशोक सिनेमा के पास
पटना
4.अशोक न्यूज़ एजेंसी ,
मोती झील,
 मुजफ्फरपुर
5.मिश्रा एजेंसी
गवर्नमेंट बस डिपो कैम्पस 
छपरा 
6 अन्नू बुक स्टाल
गोला रोड 
मुजफ्फरपुर 
7.पी .के .बुक स्टाल 
रिव्य स्टेशन के पास 
भागलपुर 
झारखण्ड 
8.भाटिया मग्जीन सेंटर 
रांगताद
धनबाद 
9.प्रसाद मैगजीन सेंटर
टंक रोड
जमशेदपुर 
10.मोडर्न बुक डिपो ,मेन  रोड
रांची 
11.त्रिलोकी न्यूज़ एजेंसी
 रोटरी बस पसिंजर नया मोड़
 बोकारो स्टील सिटी  
12.चन्द्रसेखर चौधरी 
कृष्ण पुरी, 
देवघर   
राजस्थान,छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश,पंजाब, महाराष्ट्र  में वंशिका कहाँ उपलब्ध है
ये जानकारी आपको कल उपलब्ध कराई जाएगी
आप लोगों की तथा विक्रेताओं की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं ,जिससे एक अन्य सहित्यिक मासिक पत्रिका भी २०१२ में प्रारंभ प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किये जाने का निर्णय लिया गया है,लेखक प्रत्येक विधा की अपनी अप्रकाशित , अप्रसारित रचनाएँ भेज सकते हैं .साहित्यिक गतिविधियों के सचित्र समाचार भी भेजे जा सकते हैं ,एक पुस्तक,के साथ पुस्तक  समीक्षा  ,तथा समीक्षार्थ दो पुस्तकें भेजें, रचना भेजने का पता 
संपादक 
साहित्यिक मासिक पत्रिका /युग वंशिका
प्रारंभ प्रकाशन 
R- 64 सेक्टर- 12 ,प्रताप विहार , गाजियाबाद-201009 (उत्तर प्रदेश ) 
रचना के साथ अपना एक फोटो तथा संक्षिप्त परिचय रखना न भूलें,अस्वीकृत रचनाओं की वापसी हेतु पर्याप्त डाक टिकट  लगा लिफाफा साथ रखें ,रचना की एक प्रति अपने पास अवश्य रखें
 जिन लोगों ने पत्रिका को अपनाया है उन .सभी को ह्रदय से धन्यवाद- -नित्यानंद `तुषार`

Tuesday 13 September 2011

PHOTO OF NITYANAND TUSHAR ,EDITOR ,YUG VANSHIKA

Nityanand Tushar

युग वंशिका -- प्रारंभ प्रकाशन ,गाज़ियाबाद द्वारा प्रकाशित ,हिंदी की नई साहित्यिक पत्रिका

युग वंशिका

प्रारंभ प्रकाशन ,गाज़ियाबाद द्वारा प्रकाशित ,हिंदी की नई साहित्यिक पत्रिका
संपादक -- नित्यानंद `तुषार`

(मर्मस्पर्शी कहानियाँ , सरस कविताएँ , गीत ,ग़ज़ल , लेख आदि )
कहानियाँ - -
जसवंत सिंह विरदी,जीवनसरकार ,रज्जन त्रिवेदी ,विपिन बिहारी ,रजनी गुप्त ,किसलय पंचोली ,सदानंद झा ,दिवा भट्ट ,और कुंवर आमोद
उपन्यासिका - - काजल पाण्डे ,
ग़ज़लें - - कैसर- उल- जाफ़री ,निदा फ़ाज़ली ,देवमणि पाण्डेय ,सरदार आसिफ और नित्यानंद `तुषार`
गीत  - -चन्द्र सेन विराट ,नचिकेता ,वीरेन्द्र आस्तिक ,और यशोधरा राठौर
कविताएँ - - रश्मि रमानी ,रंजना श्रीवास्तव
व्यंग्य - -प्रताप दीक्षित
लघु कथाएं - -कमल चोपड़ा ,पुष्प रघु ,जया  प्रियदर्शिनी शुक्ल ,अजित कुमार 
और ,हिन्दी ग़ज़ल की विनाश यात्रा - -हिन्दी ग़ज़ल समीक्षा की दुर्दशा ,सरकारी अकादमियों में हो रही जनता के पैसे की बर्बादी  पर सटीक उदाहरण सहित नित्यानंद `तुषार` का धारदार लेख  
मूल्य 30 रू
abhi delhi ,agra.ghaziabad,gwalior,bhopal ,bikaner mein uplabdh ,shighr hi desh ke aur bhagon mein bhi uplabdh hogi.jo sajjan  ise apne shahar mein apne tatha mitron ke liye mangana chahein ,ghazalmagic@gmail.com par sampark karein ,dhanyvaad - -yash
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yash - 9968046643                   

आजकल के रिश्तों में, ज़िन्दगी नहीं मिलती - -नित्यानंद `तुषार`

प्रारंभ प्रकाशन, गाज़ियाबाद द्वारा प्रकाशित
साहित्यिक पत्रिका `युग वंशिका` में प्रकाशित ग़ज़लों में से
कुछ पंक्तियाँ आपके लिये

दोस्त हर क़दम पर हैं ,दोस्ती नहीं मिलती
आजकल के रिश्तों में, ज़िन्दगी नहीं मिलती  - -नित्यानंद `तुषार`
*
तेरी आँखों ने कुछ देखा नहीं है
ज़माने में कोई अपना नहीं है - -नित्यानंद `तुषार`
*
घर पे हमारे नाम की तख्ती नहीं लगी
शोहरत की शक्ल ही हमें अच्छी नहीं लगी - -सरदार  आसिफ
*
उसको तबाह होना था आसार थे बहुत
उस सरफिरे कबीले के सरदार थे बहुत  - -सरदार आसिफ
*
क़दमके साथ ज़मीं सर पे आसमाँ क्यूँ है
जहाँ जहाँ जो रखा है वहाँ वहाँ क्यूँ है  - -निदा फ़ाज़ली
*
ख़ुदा  को ढूँढने वाले ख़ुदा के आस्तानों में
उसे बेचा ख़रीदा जा रहा है अब दुकानों में   - -निदा फ़ाज़ली

महकते ख़्वाब खयालों की रौशनी मिलती
हमें भी काश मुहब्बत की ज़िन्दगी मिलती  - - देवमणि पाण्डेय
*
जो मिलें प्यार में फिर न बिछडें कभी
मेरे दिल की यही इतनी फ़रियाद है - -देवमणि पाण्डेय
*
जाने हमको ये मुलाक़ात कहाँ ले जाए
बातों -बातों में कोई बात कहाँ ले जाए  - -कैसर -उल -जाफ़री
*
चांदनी के डूबते ही घर में क्या रह जायेगा 
तुम चले जाओगे दरवाज़ा खुला रह जायेगा -  -  कैसर -उल -जाफ़री

प्रस्तुति -  - यश

Hindi ki nayee Sahityik Patrika

Yug Vanshika

Sampadak- Nityanand Tushar

Prakashak-Prarambh Prakashan,Ghaziabad-

Abhee

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20 september se desh ke adhikansh bhagon mein uplabdh.

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